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________________ 1961 taina Grantha Bhandars in Rajasthan Vaca Rāja a famous Hindi Jaina writer of the 16th century who also wrote more than 10 works in Hindi lived here some ume. The manuscript of Samyaktva Kaumudi' was presented to him by Sravaka Kama and his wife Karmade in the year 1525 A.D. In Samvat 1583 (1526 A.D) Candra Prabha Carita? of Yasah Kirti was copied in this town then known as Campavati. Ränä Sangrām Singh stated to be the ruler and Rao Rama Candra as an Administrator. This manuscript exists at present in Amer Sastra Bhandar, Jaipur. (4) Contd चह धा खाई भरी मुभाय, एक कोम जागी गिरदाव । चह धा वणे अधिक बाजार, वसै बरिणक कर व्यापार ॥२८२।। कोई मोनो रूपो कर्म, काई मोती मागिएक लमै । कोई बेचे टका रोक, केई बजाजी रोका ठोकि ।।२८३।। कोई परचूना बेचे नाज, केई एकठे मेल साज । केई उधार दाम की गाठि, केई पसारी माडे हाटि ।।२८४।। च्यार देव । जिणवर तरणा, ता महि बिव बढो प्रति घगा। करे महोछे पजा सार, श्रावक लोया मब प्राचार ।।२८५॥ वाई जती रहण को जाव, उनही हार दोज करि भाव । और देहरे वैमनु तग्गा, धर्म करै मगला प्रापरणा ।।२८६।। नौरगमाहि राज ते घरे, पौण छतीमो लीला करे । कह चौबा चदन महकाय, कहू अगरजा फल बिमाय ।।८।। नगर नायका मोभा धरे, पान नव रचित बोली करे। श्रमो सहर और नही सही, दुखी दलिद्री दीमे नही ।।२८८।। हाकिम से मदारखा मही, और जोर कोउ दीस नही। पाले परजा चाले न्याय, सीलवत नर लाभ क हाय ।।२८६।। मवत् मतरामै पचीस, प्रषाड वदी जाणो वर तीज । वारज मामवार ते जारिग, कथा सपगण मई परमाया ॥२६॥ पदमो सुगमी जैनर कोय, ते नर स्वर्ग देवता होय । भूल चूक कही लिखयो होय, नथमल क्षमा करो मब कोय ॥२६१।। 1. संवत् १५८२ वर्षे फाल्गुण मुदी १४ शुमदिने श्रीमूलसघे बलात्कारगणे मरस्वतीगच्छे नद्याम्नाये श्रीकुन्दकुन्दाचार्यन्वये भट्टारक श्री पद्मनन्दिदेवातपट्टे मट्टारक श्री शुमचन्द्रदेवातत्पट्टे भट्टारकजिनचन्द्रदेवातत्पट्टे मट्टारक प्रमाचन्द्रदेवा दाम्नाये चपावतीनामनगरे महाराव श्री रामचन्द्र राज्ये खडेलबालान्वये ... इद शास्त्र लिखाप्य कर्मक्षयनिमित्त ब्रह्मवचाय दत्त । 2 Amer Sastra Bhandar, Jaipur.
SR No.011017
Book TitleJaina Granth Bhandars in Rajasthan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherDigambar Jain Atishay Kshetra Mandir
Publication Year1967
Total Pages394
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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