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________________ प्रश्नों के उत्तर .. ४४०. ऐसा ही वर्ताव करे तो उसकी क्या स्थिति होगी? आज मनुष्य के पर में एक नन्हा-सा कांटा चुभ जाता है तो वह वेदना से कराह उठता है । तो क्या जिस जानवर या पक्षी के हृदय को, शरीर को गोलियों एवं वाणों से छेदा जाता है, तलवार से काटा जाता है, क्या उन्हें पीड़ा नहीं होती। एक विचारक ने लिखा है-. . "दर्द कांटे का अगर तुझसे सहा जाता बेजबानों वेकसों पर क्यों तरस लाता नहीं ? एक कांटे ने तेरी रग-रग को मुर्दा कर दिया, गोलियों का जख्म क्या पशुओं को तड़पाता नहीं ।।" पक्षी सूर्योदय के साथ ही अपने घौंसले को छोड़ कर अनन्त . आकाश में उड़ाने भरने लगते हैं । अपना एवं अपने आश्रित नन्हें पक्षियों-बच्चों का पेट भरने के लिए वे अन्न के दानो की खोज में . मीलों घूमते-फिरते हैं । और अपना पेट भर कर तथा अपने बच्चों के .लिए चोंच में चोगा लेकर वे शाम को अपने घौंसले की ओर वापिस .. लौटने हैं । मधुर प्यार-स्नेह के अनेक संकल्प लिए तेज गति से उड़ाने . .. भरते हुए रास्ता तय करते हैं। और इधर बच्चे भी अपने माता.. -पिता से मधुर-मिलन एवं भूख बुझाने के लिए उत्सुकता से राह देखते. हैं । इसी बीच निर्दय शिकारी उस निर्दोष गगन-विहारी पक्षी को गोली का निशाना बना कर मार गिराता है। उधर पक्षी के प्राणपखेरू उड़ जाते हैं और इधर उसके बच्चे उसकी इन्तज़ार में तड़फतेतड़फते प्राण दे देते हैं । इस तरह मनुष्य एक प्राणी को मार कर कई , जीवों के सुनहरे जीवन को उजाड़ देता है। ... . ... .:. शिकारी के हृदय में दया, करुणा एवं क्षमा नहीं रहती। और .
SR No.010875
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages606
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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