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________________ प्रश्नो के उत्तर ~~~~..... ......२२८ और भगवान नेमिनाथ और पार्श्वनाथ का समय विक्रम सवन के शुरु से भी बहुत पहले है । भगवान नेमिनाथ को ८५०० वर्ष से भी कुछ ऊपर हुए है और भ० पार्श्वनाथ को २७५० वर्ष बीत चुके है। भगवान • पार्श्वनाथ भगवान महावीर से २५० वर्ष पहले हुए थे पीर भगवान महावीर के निर्वाण को २५०० वर्ष होने जा रहे है । ऐतिहासिक विद्वान भी इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं। इस पर हम पीछे के पृष्ठो पर विस्तार से लिख पाए है । अत. यहा इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि यह उल्लेख केवल सांप्रदायिक- अभिनिवेग के वग किया गया है। साप्रदायिक नगे मे उन्मत्त हो कर मनुष्य कुछ का कुछ कह जाता है। वह इस से भी अधिक असत्य कह सकता है । वह उस समय सत्य-असत्य का कुछ भी ख्याल नही रखता अत हमे इस पर आश्चर्य नहीं होता, परन्तु हमे आश्चर्य एव दुख इस बात का होता है कि इतिहास के प्रसिद्ध विद्वान डॉ ० राम कुमार वर्मा इतनी गम्भीर एव अक्षम्य भूल कैसे कर गए? यह कहा जा सकता है कि वर्मा जी ने अपनी तरफ से कुछ नहीं कह कर सिद्ध साहित्य मे आई हुई घटना का उल्लेख मात्र किया है। यह वात मानी भी जा सकती है । भाषा विशेपज्ञ साहित्य का अनुसन्धान करते समय प्रत्येक साहित्य का उद्धरण देते रहे है। क्योकि.उन की दृष्टि ऐतिहासिक शोध की रही है । परन्तु, जिस उद्धरण मे उन्हे ऐतिहासिक एव साहित्यिक भूल प्रतीत होती है, उस पर वे टिप्पण लिखने से भी नहीं चूकते। यह सत्य है कि वे उद्धर्ण मे प्रत्येक साहित्यकार के शब्दो को ही उद्धृत करते है, उसमे जरा भी काट-छाट नही करते और करनी भी नहीं चाहिए। परन्तु, टिप्पण के द्वारा उस मे रही हुई असगति को दिखाकर पाठको के मन-मस्तिष्क' को उस भूल
SR No.010874
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages385
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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