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________________ ....... . प्रश्नों के उत्तर . . , ... १३४ दिगम्बर धारणा के अनुसार सदगीर अमग दोनो प्रकार के अवयवो के बन्ध के लिए है । श्वेताम्बर और दिगम्बर परम्परायों के बंध विपयक मतभेद का सार निम्न कोष्ठको मे दिया जाता है*.. श्वतांवर परम्परा . सदृश विसदन १ जघन्य जघन्य नहीं नहीं २ जघन्य+एकाधिक -३ जघन्य-+-द्वयाधिक ४ जघन्य+त्र्याधिकादि - ५ जघन्येतर+सम जघन्येतर ६ जघन्येतर एकाधिक जघन्येतर ७ जघन्येतर+याधिक जघन्येतर ८ जघन्येतर+याधिक जघन्येतर दिगम्बर परम्परा १ जघन्य+जघन्य २ जघन्य + एकाधिक ३ जघन्य-+याधिक । नहीं नहीं ४ जघन्य+त्र्याधिकादि नहीं नही ५ जघन्येतर+सम जघन्येतर नहीं ६ जघन्येतर+एकाधिक जघन्येतर - नही नही ७ जघन्येतर+याधिक जघन्येतर - है है ८ जघन्येतर+त्र्याधिकादि जघन्येतर नही , नहीं दो असदृग गुणवाले अवयवो मे बन्ध होता है,तो वे परमाणु किस * तत्त्वार्थ सूत्र (प सुखलाल सघवी) पृ २०२ ow on al, a one are a Find thcche cretc _ नहीं नही नही नहीं
SR No.010874
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages385
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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