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________________ MPAN प्रश्नों के उत्तर ११० एक-एक अणु मे आत्म प्रदेश व्याप्त है। जीवित मनुप्य एव पशु की हड्डी का एक अणु भी ऐसा नहीं कि जिस मे आत्म प्रदेगो का अभाव हो। दूसरी बात यह है कि लोहा भी सघन होता है। परन्तु जब उसे आग मे डालते है तो अग्नि के परमाणु लोहे के गोले मे प्रविष्ट हो जाते हैं। जव सघन लोहे में भी अग्नि के साकार परमाणु प्रवेश कर जाते है, तो - पत्थर आदि सघन पदार्थो मे अमूर्त आत्म प्रदेशो के प्रविष्ट होने में सशय को अवकाश है ही नहीं। इस मे स्पष्ट हो गया है कि जब हड्डी में आत्म प्रदेश रहते है और इसे हम सदा-सर्वदा देखते हैं, तो फिर पत्थर आदि मे प्रात्मा-चेतनता मानने में किसी भी तरह का विरोध नही होना चाहिए। . अागमो में कहा गया है कि परमाणु की गति में कोई वाह्य पदार्थ वाधक नही बनता है। वह सघन एव स्थूल पदार्थों मे से भी गति कर लेता है। जव सूक्ष्म परमाणुयो के लिए यह बात है- जो कि साकार है, तो जो अात्म प्रदेश निराकार है, उनकी गति में रुकावट कैसे हो सकती है? वे सघन से सघन पदार्थो मे से भी विना किसी तरह की रुकावट के आ-जा सकते है, उन मे प्रवेश पा सकते हैं। इस तरह पत्थर में चेतनता सिद्ध होती है। केवल आगम एव तर्क से ही नहीं, हम इस बात को प्रत्यक्ष मे भो देखते हैं । आपने देखा होगा कि ख़ान मे स्थित पत्थर सदा वढता रहता है । उस के आकारप्रकार में भी परिवर्तन होता रहता है। परन्तु जो पत्थर खान से निकाल लिया गया है और बाहर के हथियारो-औजारो से तथा धूप-पानी की थपेडो से निर्जीव हो गया है, उस मे अभिवृद्धि नही होती । इस से ___ पएसी! जीवे वि अप्पडिहयगइ पुढवि भिच्चा, सिल भिच्चा, पव्वयं । मिच्चा अन्तोहितो बहिया निन्गच्छइ। ' -रायपसेणीय सूत्र,६३ ।
SR No.010874
Book TitlePrashno Ke Uttar Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages385
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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