________________
७८०
भगवई
अट्ठमो उद्देसो ईरिय पडुच्च गोयमस्स संवाद-पदं १५६. रायगिहे जाव एव वयासी अणगारस्स ण भते ! भावियप्पणो पुरनो दुहनो
जुगमायाए पेहाए रीयं रीयमाणस्स पायस्स' अहे कुक्कुडपोते वा वट्टापोते वा लिगच्छाए' वा परियावज्जेज्जा, तस्स णं भंते ! कि इरियावहिया किरिया कज्जइ ? सपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा | अणगारस्स ण भावियप्पणो' 'पुरओ दुहरो जुगमायाए पेहाए रीयं रीयमाणस्स पायस्स अहे कुक्कुडपोते वा वट्टपोते वा कुलिंगच्छाए वा परियावज्जेज्जा, तस्स णं इरियावहिया किरिया कज्जइ, नो सपराइया किरिया
कज्जइ॥ १६०. से केण?ण भते ! एव वुच्चइ० ?
"गोयमा ! जस्स ण कोह-माण-माया-लोभा वोच्छिण्णा भवति तस्स णं रियावहिया किरिया कज्जइ, जस्स णं कोहमाण-माया लोभा अवोच्छिण्णा भवति तस्स ण संपराइया किरिया कज्जइ। अहासुत्त रीयमाणस्प रियावहिया किरिया कज्जइ, उस्सुत्त रीयमाणस्स सपराइया किरिया कज्जइ। से ण
अहासुत्त रीयती । से तेणद्वेण ° ॥ १६१ सेवं भंते ! सेव भंते ! जाव' विहरइ । १६२. तए णं समणे भगव महावीरे' 'अण्णया कयाइ रायगिहाम्रो नगरानो गुणसि
लामो चेइयानो पडिनिक्खमति, पडिनिक्खमित्ता बहिया जणवयविहारं०
विहरइ ।। अण्णउत्थियाणं प्रारोव-पदं १६३. तेण कालेण तेण समएण रायगिहे नामं नगरे। गुणसिलए चेइए–वण्णो
जाव पुढविसिलापट्टो। तस्स णं गुणसिलस्स चेइयस्स अदूरसामंते बहवे अण्णउत्थिया परिवसति । तए णं समणे भगवं महावीरे जाव' समोसढे जाव'
परिसा पडिगया ॥ १६४. तेणं कालेण तेण समएण समणस्स भगवो महावीरस्स जेट्टे अतेवासी इंदभूती
१ पातस्स (ता)। २. छाते (ख, व, म, स)। ३. सं० पा०-भावियप्पणो जाव तस्स ! ४, स० पा०-जहा सत्तमसए सवुडुद्देसए जाव
अट्ठो निक्खित्तो। ५. भ० ११५१ । ६. स० पा०-महावीरे बहिया जाव विहरा ७. भ० ८।२७१ ।