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भगवई
मित्त-नाइ- नियग-सयण-सवधि-परियणं ग्रामतेह, तं मित्त-नाइ-नियग-सयणसबधि-परियण विउलेण असण-पाण-खाइम-साइमेण वत्थ-गध-मल्लाल-कारेण य सक्कारेह सम्माणेह, तस्सेव' मित्त-नाइ-नियग-सयण-सवधि-परिजणस्स पुरो जेठ्ठपुत्ते कुड़वे ठावेह, ठावेत्ता त मित्त-नाइ- नियग-सयण-सवधिपरियणं ० जेट्टपुत्ते श्रापुच्छह, आपुच्छित्ता पुरिससहस्सवाहिणीयो सीयारो द्रुहह, द्रुहित्ता मित्त-नाइ'- नियग-सयण-सवधि -परिजणेण जेठ्ठपुत्तेहि य समणुगम्ममणमाग्गा सविड्ढीए जाव दुदुहि-निग्घोसनादियरवेण अकालपरि
हीण चेव मम अतिय पाउन्भवह ॥ ४८. तए ण त नेगमट्टसहस्स पि कत्तियस्स सेट्टिस्स एयमट्ट विणएण पडिसूणेति,
पडिसुणेता जेणेव साइ-साइ गिहाइ तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता विपुल असण' •पाण खाइम साइम ° उवक्खडावेति, उवक्खडावेत्ता मित्त-नाइ:'नियग-सयण-सबधि-परियण विउलेण असण-पाण-खाइम-साइमेण वत्थ-गधमल्लालकारेण य सक्कारेइ सम्माणेइ°, तस्सेव मित्त-नाइ- नियग-सयणसंबधि-परियणस्स ° पुरनो जेट्टपुत्ते कुडुबे ठावेति, ठावेत्ता त मित्त-नाइ'•नियग-सयण-सवधि-परियण ° जेट्टपुत्ते य आपुच्छड, आपुच्छित्ता पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ द्रुहति, द्रुहित्ता मित्त-नाड- नियग-सयण-सवधि° परिजणण जेटुपुत्तेहि य समणुगम्ममाणमग्गा सविड्ढीए जाव" दुदुहि-निग्घोसनादिय
रवेणं अकालपरिहीण चेव कत्तियस्स सेटिस्स अतिय पाउन्भवति ॥ ४६. तए ण से कत्तिए सेट्ठी विपुल असण पाण खाइम साइम उववखडावेति जहा
गगदत्तो जाव"सीय द्रुहति, द्रुहित्ता मित्त-नाइ-नियग-सयण-सबधि-परिजणेण जेट्रपुत्तेण नेगमट्टसहस्सेण य समणुगम्ममाणमग्गे सव्विड्ढीए जाव" दुहिनिग्घोसनादियरवेण हत्थिणापुर नगर मज्झमझेण निग्गच्छइ, जहा गगदत्तो जाव" आलित्ते ण भंते ! लोए, पलित्ते ण भते । लोए, प्रालित्त-पलित्ते णं भते ! लोए जाव" आणगामियत्ताए भविस्सति, त इच्छामि ण भते ! नेगमट्ट
सहस्सेण सद्धि सयमेव पव्वाविय जाव" धम्ममाइविखय ॥ १. सं० पा०-नाइ जाव जेट्टपुत्ते । ६ स० पा०-नाइ जाव परिजणेण । २. सं० पा०-नाइ जाव जेट्टपुत्ते । १०. भ० ६।१८२; ३. सं० पा०-नाइ जाव परिजणेण ।
११. भ० १६१७१। ४. भ. ६।१२।
१२. स० पा०-नाइ जाव परिजणेण । ५. सं० पा०—असण जाव उवक्खडावेति । १३. भ० ६।१८२। ६. स. पा०-नाइ जाव तस्सेव । १४ भ० १६७१, ६।२१४ । ७. स० पा०-नाइ जाव पुरो। १५. भ० ६२१४। ८. स० पा०-नाइ जाव जेट्टपुत्ते । १६. भ० २१५२।