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________________ भगवई गोयमा । जस्स ण सुयनाणावर णिज्जाणं कम्माणं खग्रोवसमे कडे भवइ से ण असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवल सुयनाण उप्पाडेज्जा, जस्स ण सुयनाणावर णिज्जाण कम्माण खग्रोवसमे नो कडे भवइ से ण असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पविखयउवासियाए वा केवल सुयनाण नो उप्पाडेज्जा। से तेणट्टेण गोयमा । एव वुच्चइ - सोच्चा ण जाव केवल सुयनाण नो उप्पाडेज्जा | २५. असोच्चा ण भते । केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासिए वा केवल मोहिनाण उप्पाडेज्जा ? ४०४ गोयमा । असोच्चा णं केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा प्रत्येगतिए केवल ग्रोहिनाण उप्पाडेज्जा, प्रत्थेगतिए केवल ओहिनाण नो उप्पाडेज्जा ॥ २६ से केणट्टेण भते । एव वुच्चइ – सोच्चा ण जाव केवल ओहिनाणं नो उप्पाडेज्जा ? गोयमा । जस्स ण ओहिनाणावर णिज्जाण कम्माण खोवसमे कडे भवइ से णं असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवल ग्रोहिनाण उप्पाडेज्जा, जस्स ण मोहिनाणावर णिज्जाण कम्माण खत्रोवसमे नो कडे भवइ से ण असोच्चा केवलस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवल ओहिनाण नो उप्पाडेज्जा | से तेणट्टेण गोयमा । एव वुच्चइ - असोच्चा ण जाव केवल ओहिनाण नो उप्पाडेज्जा | २७. असोच्चा ण भते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियज्वासियाए वा केवलं मणपज्जवनाण उप्पाडेज्जा ? गोयमा । असोच्चा ण केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा प्रत्येगतिए केवल मणपज्जवनाण उप्पाडेज्जा, प्रत्येगतिए केवल मणपज्जवनाण नो उप्पाडेज्जा ॥ २८. से केणट्टेण भते । एव वुच्चइ - असोच्चा ण जाव केवलं मणपज्जवनाण नो उप्पाडेज्जा ? गोयमा ! जस्स णं मणपज्जवनाणावरणिज्जाण कम्माण खग्रोवसमे कडे भवइ से ण असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवल मणपज्जवनाण उप्पाडेज्जा, जस्स ण मणर्पज्जवनाणावर गिज्जाण कम्माण खप्रोवसमे नो कडे भवइ से ण असोच्चा केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवल मणपज्जवनाण नो उप्पाडेज्जा । से तेणट्टेण गोयमा । एवं वुच्चइ - ग्रसोन्चा णं जाव केवल मणपज्जवनाण नो उप्पाडेज्जा ° ॥ O २६. असोच्चा ण भते । केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियज्वासियाए वा केवलनाण उप्पाडेज्जा ?
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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