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भगवई अणुत्तरोववाइयारणं केवलिणा पालाव-पदं १०३ पभू ण भते | अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा इहगएण केवलिणा
सद्धि आलाव वा, सलाव वा करेत्तए ? हता पभू ॥ से केणटेण' भते । एवं वुच्चइ-पभू ण अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा इहगएण केवलिणा सद्धि आलाव वा, सलाव वा करेत्तए ? गोयमा | जण्ण अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा अट्ट वा हेउ वा पसिण वा कारण वा वागरणं वा पुच्छति, तण्ण इहगए केवली अटुं वा' 'हेउ वा पसिण वा कारण वा वागरण वा वागरेइ । से तेणट्रेण गोयमा । एव वच्चइपभू ण अणुत्तरोववाइया देवा तत्थग्या चेव समाणा इहगएण केवलिणा
सद्धि आलाव वा, सलावं वा करेत्तए ।। १०५. जण्ण भंते ! इहगए केवली अटुं वा' हेउ वा पसिण वा कारण वा वागरण वा
वागरेइ, तण्ण अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा जाणति-पासंति ?
हता जाणति-पासति ॥ १०६. से केणटेण भते । एवं वुच्चइ--जण्ण इहगए केवली अट्ठ वा हेउ वा पसिण __ वा कारण वा वागरण वा वागरेइ, तण्णं अणुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव
समाणा जाणति-पासति ? गोयमा । तेसि ण देवाण अणताओ मणोदव्ववग्गणाम्रो लद्धारो पत्तागो अभिसमण्णागयाओ भवति । से तेणद्वेण गोयमा । एव वुच्चइ-जण्ण इहगए केवली अट्ठ वा हेउ वा पसिण वा कारण वा वागरण वा वागरेइ, तण्ण
अगुत्तरोववाइया देवा तत्थगया चेव समाणा जाणति °-पासति ॥ १०७ अणुत्तरोववाइया ण भते । देवा कि उदिण्णमोहा? उवसतमोहा ? खीण
मोहा? गोबमा ! नो उदिण्णमोहा, उवसतमोहा, नो खीणमोहा ।। केवलोणं इंदियनारण-निसेध-पदं १०८ केवली ण भते । प्रायाणेहि जाणइ-पासइ ? - गोयमा | नो तिणटे समटे ।।
ते जाणति पासति से तेण?ण त चेव (अ, २ स० पा०-अट्ठ वा जाव वागरण । क, ता, व, म, वृ), वाचानान्तरेत्विद सूत्र ३. स० पा०—अट्ठ वा जाव वागरेइ । साक्षादेव उपलभ्यते (वृ)।
४ स० पा०–केरणतुण जाव पासति । १. स० पा०-केणटेण जाव पभू ण अणु- ५ स० पा०–तेणटेण जण्ण इहगए केवली त्तरोववाइया देवा जाव करेत्तए ।
जाव पासति ।