________________
१७६
भगवई २५८. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं जाइं इमाइं समुप्पज्जंति, त जहा
डिवा इ वा, डमरा इ वा, कलहा इ वा, बोला इ वा, खारा इ वा, महाजुद्धा इ वा, महासंगामा इ वा, महासत्थनिवडणा इ वा, महापुरिसनिवडणा' इ वा, महारुहिरनिवडणा इ वा, दुब्भूया इ वा, कुलरोगा इवा, गामरोगा इ वा, मडलरोगा इ वा, नगररोगा इ वा, सीसंवेयणा इवा, अच्छिवेयणा इवा कण्णवेयणा इ वा, नहवेयणा इ वां, दतवेयणा इ वा, इदग्गहा इ वा, खदग्गही इवा, कुमारग्गहा इवा, जक्खग्गहा इंवा, भूयग्गहा इवा, एगाहिया इ वा, बेहिया इ वा, तेहिया इ वा, चाउत्थया' इ वा, उव्वेयगा इवा, कासा इ वा, 'सासाइवा, सोसा" इवा, जरा इ वा, दाहा इ वा, कच्छकोहा इ वा, अजीरगा ई वा, पडुरोगा इ वा, अरिसा" इ वा, भगदला' इ वा; हिययसूला इ वा, मत्थयसूला इ वा, जोणिसूला इ वा, पाससूला इ वा, कुच्छिसूला इ वा, गाममारी इ वा, नगरमारी इवा, खेडमारी इ वा, कव्वडमारी ई वा, दोणमुंहमारी इवा, मडवमारी इ वा, पट्टणमारी इ वा, आसममारी ई वा, सवाहमारी इ वा, सण्णिवेसमारी इवा, पाणक्खया, जणक्खया, धणक्खया, कुलक्खया, 'वसणभूया मणारिया'" जे यावण्णे तहप्पगारा ण ते सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो अण्णाया अदिट्ठा असुया अमुया
अविण्णाया, तेसि वा जमकाइयाण देवाण ॥ २५६ सक्कस्सं देविंदस्सं देवरण्णो जमस्स महारण्णो इमे देवा अहावच्चा
अभिण्णाया होत्था, त जहासंगहणी-गाहा
अबे अवरिसे चेव, सामे सबले त्ति यावरे । रुद्दोवरुद्दे काले य, महाकाले त्ति यावरे ॥१॥ 'असिपत्ते धणू कुभे"", वालुए" वेतरणी त्ति य । खरस्सरे महाघोसे, एते" पण्णरसाहिया ॥२॥
१. एव महापुरिस ° (अं, क, ता, व, म स)। ८ जे या वि अन्ने (ब, म)। २. भूमग्गहा (ता)।
६. अहाभिण्णाया (क, ता)। ३ चतुत्यया (ता, म)।
१० असी य असिपत्ते कुभे (क, वृ), असिपत्त ४. वासा इ वा सासा (अ)।
धणू कुभे (वृपा)। ५. अरसा (अ), हरिसा व, म)।
११. वालू (अ, ता, ब, म, स)। ६. भगदरा (ता)।
१२ वेदरणी (ब, म)। ७. ° भूयमणारिया (अ, क ता); °भूतामणा- १३ एमए (क, व, वृ) ।
रिया (व)।