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तइयं सत (चउत्यो उद्देसो) भाविप्रप्प-विकुव्वरणा-पद १८६. अणगारे ण भते ! भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता पभू वेभार'
पव्वय उल्लघेत्तए वा ? पल्लघेत्तए वा ?
गोयमा | नो इणटे समटे॥ १८७ अणगारे ण भते । भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता पभू वेभार पन्वय
उल्लघेत्तए वा ? पल्लघेत्तए वा ?
हता पभू ॥ १८८. अणगारे ण भते । भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइत्ता जावइयाइ
रायगिहे नगरे रूवाइ, एवइयाइ विकुन्वित्ता वेभार पव्वय अतो अणुप्पविसित्ता पभू सम वा विसम करेत्तए ? विसम वा सम करेत्तए ?
गोयमा | नो इण? सम? ॥ १८६ अणगारे ण भते । भाविअप्पा.बाहिरए पोग्गले परियाइत्ता जावइयाइ राय
गिहे नगरे रूवाइ, एवइयाइ विकुवित्ता वेभार पव्वय अतो अणुप्पविसित्ता पभू सम वा विसम करेत्तए ? विसम वा सम करेत्तए ?
हता पभू० ॥ १६० से भते । किं माई विकुम्वइ ? अमाई ? विकुव्वइ
गोयमा | माई विकुव्वड, नो अमाई विकुन्वइ ।। १६१. से केण?ण भते ! एव वुच्चइ'--'माई विकुव्वइ°, नो अमाई विकुन्वइ ? '
गोयमा | माई ण पणीय पाण-भोयण भोच्चा-भोच्चा वामेति । तस्स ण तेण पणीएण पाण-भोयणेण अट्ठि-अद्धिमिजा बहलीभवति, पयणुए मस-सोणिए भवति । जे वि य से अहावायरा पोग्गला ते वि य से परिणमति, त जहासोइंदियत्ताए 'चक्खिदियत्ताए पाणिदियत्ताए रसिंदियत्ताए ° फासिदियत्ताए, अट्ठि-अट्ठिमिज-केस-मसु-रोम-नहत्ताए, सुक्कत्ताए, सोणियत्ताए। अमाई ण लह पाण-भोयण भोच्चा-भोच्चा णो वामेइ । तस्स ण तेण लहेण पाण-भोयणेण अद्वि-अद्धिमिजा पयणूभवति, बहले मस-सोणिए । जे वि य से अहाबायरा पोग्गला ते वि य से परिणमति, त जहा-उच्चारत्ताए पासवणत्ताए खेलत्ताए सिघाणत्ताए वतत्ताए पित्तत्ताए पूयत्ताए° सोणियत्ताए। से तेणटेण भते । एव वुच्चइ-माई विकुन्वइ°, नो अमाई विकुव्वइ ।
१ वेन्मार (ता)।
४ स० पा०-सोइदियत्ताए जाव फासिदियत्ताए। २ स० पा०-एव चेव वितिओ वि आलावगो ५ स० पा०—पासवणत्ताए जाव सोणियत्ताए। नवर परियातिइत्ता पभू।
६ स० पा०—तेणटेण जाव नो। . ३. स० पा०-वुच्चइ जाव नो। .