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________________ तइय सत (चउत्थो उद्देमो) चउत्थो उद्देसो भाविअप्प-पदं १५४ अणगारे ण भते ! भाविअप्पा देवं वेउव्वियसमुग्धाएण समोहय जाणरूवेणं जामाण' जाणइ-पासइ ? गोयमा । १ अत्येगइए देव पासइ, नो जाण पासइ। २ अत्यंगइए जाण पासइ, नो देव पासइ। ३. अत्थेगइए देव पि पासइ, जाण पि पासइ । ४ अत्थे गइए नो देव पासइ, नो जाण पासइ॥ १५५ अणगारे ण भते ! भाविकाप्पा देवि वेउव्वियसमुग्घाएण समोहय जाणरूवेणं जामाणि' जाणइ-पासइ? गोयमा । १. अत्थेगइए देवि पासइ, नो जाण पासइ। २. अत्थेगइए जाण पासइ, नो देवि पासइ। ३ अत्थेगइए देवि पि पासइ, जाणं पि पासइ। ४. अत्ये गइए नो देवि पासइ, नो जाण पासइ ° ।। अणगारे ण भंते | भाविअप्पा देवं सदेवी वेउव्वियसमुग्घाएण समोहय जाणरूवेण जामाण जाणइ-पासइ ? "गोयमा । १ अत्यंगइए देव सदेवी पासइ, नो जाण पासइ। २ अत्थेगइए जाण पासइ, नो देव सदेवी पासइ। ३ अत्थेगइए देव सदेवीअपि पासइ, जाण पि पासइ। ४ अत्येगइए नो देव सदेवी पासइ, नो जाण पासइ० ॥ १५७ अणगारे ण भते । भाविअप्पा रुक्खस्स किं अतो पासइ ? बाहिं पासइ ? ५ गोयमा । १ अत्थेगइए रुक्खस्स अतो पासइ, नो बाहि पासइ । २ अत्थेगइए रुक्खस्स बाहिं पासइ, नो अतों पासइ। ३ अत्थेगइए रुक्खस्स अतो पि पासइ, बाहिं पि पासइ। ४ प्रत्येगइए रुक्खस्स नो अतो पासइ, नो बाहिं पासइ० ॥ १५८, "अणगारे ण भते । भाविअप्पा रुक्खस्स किं मूल पासइ ? कद पासइ ? गोयमा । १ प्रत्येगइए रुक्खस्स मूल पासइ, नो कदं पासइ। २ अत्थेगइए रुक्खस्स कद पासइ, नो मूल पासइ। ३ अत्थेगइए रुक्खस्स मूल पि पासइ, कद पि पासइ । ४ अत्थेगइए रुक्खस्स नो मूल पासइ, नो कद पासइ० ॥ १. जायमाण (अ, क, ब, स)। २ जाइमाणि (अ, ब), जायमाणि (क, स)। ३. स० पा०-एव चेव । ४. स० पा०-एतेण अभिलावेणं चत्तारि भंगा। ५ स० पा०-चउभगो। ६. स० पो०-एव किं पासई? चउभगो। मूल पासइ, कद
SR No.010873
Book TitleJainagmo Me Parmatmavad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmaram Jain Prakashanalay
Publication Year
Total Pages1157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size50 MB
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