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प्रश्न
( ३ )
उत्तर | सिद्ध हुमा-वर्षा केवल निपित मात्र होती है वास्तव में उन जीवों की योनि वही है।
जैसे वनस्पति समछिप मित्रवर | वनस्पति आदि उत्पन्न होजाती है उसी | जीवों की जैसे योनि होती मकार सृष्टि के विषय में मी है वेह उसी प्रकार उस जानना चाहिए।
योनि में पानी आदि नि. मित्तों के द्वारा उत्पन्न हो. माते हैं किन्तु विना माता पिता के पुत्र उत्पन्न कमी
भी नहीं होसकता। मनुष्यों की सृष्टि के जैन सूत्रों में लिखा है कि विषय में जैन शास्त्र क्या अनादिकाल से यह नियम पतलाते हैं। -
चला आता है-स्त्री पुरुष के परस्पर संयोग (मैथुन) से गर्मजन्य मनुष्य सृष्टि उत्पन्न होती चली रही है और भागे को भी यही | नियम चला जायगा ।