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( ५५.), । और यह- भागे अंक और करण तथा योगों के भाधार पर कथन किए गए हैं जिसमें करण तीन होते हैं, नमे हि-रना, कराना, अन मोदना इन्हीं को करण करते हैं मन, वचन, सौर काय को योग कहते हैं। '
सुगम वोष के लिए एक इन के विषय का यंत्र दिया जाता है। यथा
अंक ११ १२ १३ २१ २२ E मांगा है. ३ ६ ३ ३ ३ १
करण १ १ १: २ २ २ ३ ३ ३. योग १ २ ३ १ २ ३ १ २ ३ । भांगा वा १८ वर्ग २१ वा ३० वा ३६ वों ४२ वा ४४ वा ४८ वा ४६वां यही इन मांगे को जानने स यन्त्र है अब इनके सच्चारण करने की शजी लिखो, नाती है जैसे कि--- , अंक ११ का १ करण १ योग से कहना चाहियेपया करूं नहीं मनसा १ करूं नहीं वयसा ( वचसा)
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