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शिष्प निम्नप्रकार से प्रश्न पूछने लगे और आपने उनके संशय दूर किये-जैसे कि ।
प्रश्न - हे भगवन् ! प्रथम लोक है किम्वा अलोक है ! उत्तर - हे रोह ! यह दोनों पदार्थ अनादि हैं क्योंकि यह दोनों किसी के बनाये हुए नहीं है यदि इन का कोई निर्माता माना जाये तब यह पूर्व वा पश्चात् सिद्ध हो सकते है सो जब निर्माता का अभाव है तब इनका अनादित्व स्वतः ही सिद्ध है अनादि होनेसे इनको प्रथम वा अप्रथम नहीं कह सकते हैं 1
प्रश्न- प्रथम जीव है वा अजीव है ?
उत्तर - हे भद्र ! जीव और प्रजीव दोनों अनादि है क्योंकि जब इनकी उत्पत्ति मानी जाए तव कार्यरूप जीव का नाश अवश्य ही होगा जब नाश सिद्ध होगया तब नास्तिक वाद का प्रसंग आजाएगा फिर पुण्य पाप मंत्र मोक्षादि श्राकाश के पुष्पवत् सिद्ध होंगे तथा दोनों का कारण क्या है ! इस प्रकार को शंका होने पर संकर वा अनवस्था दोष की भी प्राप्ति सिद्ध होगी इसलिये ! यह दोनों वस्तुएँ स्वतः सिद्ध होने से अनादि हैं ।