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१०) राणा को मधुर' पापों से भगा र अपने मार ए पैदा समों को बिनय पूर्ण निवेदन किया। मिना पुन कर पहारामा परपम्व प्रसन्न हुए भो। राणी से पाने सगे कि देवी मूमे पड़े पवित्र समों को देखा मिमका फल पा होगा कि-मारी सर्व प्रकार की पटिने हुए पारी कुमार सस्पन समा। . - इस प्रकार गमी । स्वम के फल पवना र मातः 5 में रामा मे अपन नगर ज्योतिषियों को दुला क. पोदर समों के फलादेश को पूजा कर पानि पयों न का किरे राषन् ! इन सनों फसा सशसे यह निश्चप होवारे रिमाप पर में एक ऐसे राम हार का सम्म रे गा ना कि पपीं पा वीपर
रोमा मिमी ममा का विवरण हम नहीं र मोप भी माराम ने चन स्वम पाठ 'सरकार और पारितोपि देकर विसर्जन किया किन्तु पी दिम
मागणी बी गास्त्रोक मिनि के भनुमार मर्म रखा पानगी फिर सा नो मोसरे परपाद पैर प
अगदशी के दिम रस्त पसरा फासणीमा २ in में भापो राधि के सबप में भो भमण भमान