________________
(
११३ )
करे किन्तु यथार्थ ही कहने वाला होवे । तथा जेः हर
1
मत वाले असत्कथा करने वाले हैं उन के संग को छोड़ देवे या rear ear की प्रशंसा भी न करे क्योंकि वन की मशंसा करने से अज्ञात जन उन्हों पर विश्वास करने लग जाते है तब उसका परिणाम अच्छा नहीं निकलता श्रतएव ! सिद्ध हुआ कि सत्कथा "स्वपक्ष युक्त" होना श्रावश्यकीय है तभी गुण आ सकते है ।
-
१५ - दीर्घ दर्शी - जो कार्य करना हो, पहिले उस का फला फल जान लेना चाहिए जब विचार से काम किया जायगा तब उस में विकृतिपणा उत्पन्न नहीं होता यदि हर एक कार्य में औत्सुक्य ही किया जायगा तो फिर न तो कार्य ही प्राय: सुधरता है और. नहीं लोगों में प्रतिष्ठा मिलती है तथा बहुत से कार्य ऐसे होते हैं जिनके करते समय तो अच्छे लगते हैं किन्तु उन या परिणाम अच्छा नहीं निकलता और बहुत से कार्य ऐसे भी हैं जो करते समय तो यश विशेष नहीं मिलता परन्तु परिणाम में उल का नाम सदा के लिए स्थिर हो जाता है क्योंकि जो बुद्धि काम बिगाड़ करउत्पन्न होती है यदि वह बुद्धि पहिले ही उत्पन्न हो
-