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नभ
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सम्यग् दर्शन किसे कहते । सामान "बॉ
है।
निष
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सम्यग् चारित्र किसे कहते
सम्यग् शब्द किस दिये गया है।
संशय ज्ञान किसे कहते है।
विपर्ययज्ञान किसे व
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अनम्यवसाय ग्राम किसे
कहते है।
सुवावा
पारिश संग्रम, विपर्यय, साप, इम दापों के दूर करने
Form 1
बिस ज्ञान में संशप प हो जाये, जैसे गमाव स्वाथ्यु देषा पुरुष है" विपराध काम जैसे- सीप में पदों की बुद्धि तथा मृग
शुष्णा का स
जैसे मार्ग द पकते हुए, पाद में (पैर) में फटक लग गया था फिर पह विचार करमा कि-पाद में पण बगा ? इस प्रकार संशय को धनपर साब कहत है।