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मर्म
बक्षण भास किसे पाते है।। मो स्वरि तो
माही परन्तु आपण सरीसा पाल्म पड़े उस से सवस
पास भावे मष्यामिदोष बिसे करी मोरे एक देश में
हे उसको अम्बान करते हैं।"
मेस गौशासषण शापवाना मात म्याप्ति दोप किसे बोलप मात्र में मकर
भवाप्प में मी उसको प्रति मावि सण कावेरे मैसे-गो पायाण "प पमा पपि-गो भी पथरी परम पावरण मैंमादि में मी पापा मावा इसीलिए! या प्रति म्माधि दोपका नावा॥