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________________ i, चम्बई ४०२ प्रेमी-प्रभिनदन-ग्रंथ सचित्र विज्ञप्ति-पत्र भौगोलिक साहित्य के अतिरिक्त नगरो के चित्रमय दर्शन के लिये जैनाचार्गे को दिये गये विज्ञप्ति-पत्र भी वडे महत्त्व के है । जिस नगर के श्रावक अपने पूज्य आचार्य को अपने यहाँ पधारने को विज्ञप्ति करते थे वे अपने नगर के प्रमुख स्यानो के चित्र भी विज्ञप्ति-पत्र मे चित्रित करवा देते थे। इससे उस नगर के खास-खास स्थानो के तम्य एव न्यल निर्णय के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सूचनाएं पाई जाती है । इन सचित्र विज्ञप्नि-पयो के सम्बन्ध में बडौदा राज्य ने प्रकाशित 'Ancient Vigraptu patras' नामक अन्य में प्रकाग डाला गया है। उक्त ग्रन्य म निर्देशित पत्रों के अतिरिक्त हमारे साह मे उदयपुर का ७५ फूट लम्बा सचित्र विज्ञप्ति-पत्र एव यहां के बडे ज्ञानमबार में २० फुट लम्वा वोकानेर का विज्ञप्ति-पत्र और वाव् पूर्णचन्द्र जी नाहर द्वारा नगृहीत ४ विज्ञप्ति-पत्र हमारे अवलोकन में आये है। चित्रकला, ऐतिहासिक एव भौगोलिक सभी दृष्टियों से जैनो के विज्ञप्ति-पत्र महत्त्वपूर्ण है। जैन तीर्थ सवधी प्रकाशित ग्रन्थ प्राचीन ऐतिहासिक साहित्य अन्यों के नाम कर्ता संपादक प्रकाशक मूल्य १ विविध तीर्थ कल्प जिनप्रभसूरि जिनविजय सिंघी जैनग्रन्यमाला, वम्बई (म० १३६४ ने८६) * (क) उपदेशसप्नतिका । मोमधर्म चतुरविजय श्री जैन आत्मानद सभा, भाव- २॥ (ख) ,, अनुवाद (स० १५०३) नगर। ३ प्राचीन तीर्थमाला विभिन्नकवि विजयधर्मसूरि यशोविजय ग्रन्थमाला, भाव- २॥ (२५प्राचीन भाषाकृतियां) नगर। ४ पाटण चैत्य परिपाटी ललितप्रभसूरि | कल्याणविजय हसविजय जैन को लाइब्रेरी, ।। हर्ष विजय, हीरा } वडोदा लाल, साधुचन्द्र ३ चारदिगानातीर्थोनीतीर्थ शीलविजय जैनधर्मप्रसारक सभा, भावनगर । __ माला सार्य ६ नाभिनदनोद्वार प्रवध सार्थ क भगवानदान हेमचन्द्र जैन न्यमाला (स० १३६%) अहमदावाद । ७ भत्रुजय तीर्थोद्वार प्रवध विवेकधीर जिनविजय जिनविजय श्री जैन आत्मानंद सभा, भाव- ) नगर। - तीर्थक्षेत्र कुल्पाक (हि०) जिनप्रभसूरि वालचन्द्राचार्य नेमचन्द्र गोलछा, हैदराबाद E , (गु०) चन्दनसागर झवेरी नवलचन्द, सूरत १० वाणी जैन तीर्थस्तोत्र समयसुन्दर जैनमदिर घघाणी ११ सूर्यपुर रासमाला लाघाशाह, विनय मोतीचन्द मगनभाई, सूरत विजयजी १२ समेत सिखररास जयविजय . लालचन्द मोतीचन्द, बडोदा تا ہے म لی Ed *इसमें शत्रुजय, आबू, भरोंच, जीरापल्ली, फलौवी, पारातण, कलिकुंड, अंतरोक्ष, स्तभन आदि का वृत्त है।
SR No.010849
Book TitlePremi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremi Abhinandan Granth Samiti
PublisherPremi Abhinandan Granth Samiti
Publication Year
Total Pages808
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size34 MB
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