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KEEP Remember with your hands & fore Reading me,
आचार्य श्री तुलसी ( जीवनपर एक दृष्टि ) के प्रकाशन मे सरदारशहर निवासी श्रीमान् हनुमानमलजी इन्द्रचन्दजी चोरड़िया ने अपने स्वर्गीय पूज्य पिता श्री भीकनचन्द्रजी चोरड़िया की पुण्य स्मृति मे नैतिक सहयोगके साथ आर्थिक योग देकर अपनी सास्कृतिक व साहित्यिक सुरुचिका परिचय दिया है जो सबके लिए अनुकरणीय है । हम आदर्श साहित्य संघ की ओरसे सादर आभार प्रकट करते हैं ।
- शुभकरण दशानी
प्रकाशन मन्त्री