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२० वाँ वर्ष
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४८६. हिंसक धर्मको ग्रहण नही करूँ। ४८७ अनाचारी धर्मसे लगाव नही रखू। ४८८ मिथ्यावादीसे लगाव नही रखू। ४८९. शृङ्गारी धर्मको ग्रहण नहीं करूं । ४९० अज्ञान धर्मसे दूर रहूँ। ४९१ केवल ब्रह्मको नही पकड़ें। ४९२ केवल उपासनाका सेवन नही करूं। ४९३. नियतिवादका सेवन नहीं करूं। ४९४ भावसे सृष्टिको अनादि अनंत नही कहूँ।, ४९५. द्रव्यसे सृष्टिको सादिसात नही कहूँ। ४९६ पुरुषार्थको निंदा नही करूं। ४९७ निष्पापको चचलतासे नही छलू। ४९८ शरीरका भरोसा नहीं करूं। ४९९. अयोग्य वचनसे नही बुलाऊँ। ५००. आजीविकाके लिये नाटक नही करूं। ५०१ मां, बहनके साथ एकातमे नही रहूँ। ५०२ पूर्वके स्नेहियोंके यहाँ आहार लेने नही जाऊँ। ५०३ तत्त्वधनिंदकपर भी रोष नही करना। ५०४. धैर्यको नहीं छोड़ना। ५०५ चरित्रको अद्भुत बनाना। ५०६ सर्व पक्षी विजय, कीर्ति और यश प्राप्त करना। ५०७ किसीके घरसंसारको नही तोडना। ५०८ अतराय नही डालना। ५०९ शुक्लधर्मका खंडन नही करना। ५१० निष्काम शीलका आराधन करना । ५११ त्वरित भाषा नहीं बोलना। ५१२. पापग्रंथ नही रचूँ। ५१३. क्षौरके समय मौन रहें। ५१४ विषयके समय मौन रहूँ। ५१५ क्लेशके समय मौन रहूँ। ५१६ जल पोते हुए मौन रहूँ। ५१७. खाते हुए मौन हूँ। ५१८. पशु पद्धतिसे जलपान नही करूं। ५१९ छलाग मारकर जलमे नही पडूं। ५२० श्मशानमे वस्तुमात्रको नही चलूँ । ५२१ औधे शयन नहीं करूं। ५२२. दो पुरुष साथमे न सोएँ। ५२३ दो स्त्रियां साथमे न सोएँ ।