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व्यस्त एवं समस्त चित्रालंकार
पृथक-पृथक पर्दों से जो प्रश्न किया जाय उसे व्यस्त चित्रालकार कहते हैं तथा एक मे मिले हुए पदों से जो प्रश्न किया जाये उसे समस्त चित्रालकार कहते हैं ।।
द्विर्व्यस्त और द्वि समस्त चित्रालकार
जब समस्त पदों का विभाग कर दो बार पूछा जाय तो उसे द्विर्व्यस्त चित्रालकार कहा जाता है । इसी प्रकार जब समस्त पदों मे ही दो बार पूछा जाय तो उसे द्वि समस्त चित्रालकार कहते हैं 12
व्यस्तक और समस्तक चित्रालंकार. -
पद के विभाग से पूछा गया पद यदि दो अर्थों का प्रतिपादक हो अथवा समुदाय से भी पूछा गया पद दो अर्थों का प्रतिपादक हो तो उसे व्यस्तकसमस्तक चित्रालकार कहते हैं । 3
द्वियस्तक
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समस्तक और द्विः समस्तक- व्यस्तक चित्रालंकार
दो व्यस्त पद ओर एक समस्तक तथा दो समस्त ओर एक व्यस्तक चित्रालकार कहते हैं 14
एकालापक चित्रालंकार:
I
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एक सुनने के क्रिया- भेद से तथा दो बार समास के रूप में परिणत भेद से भिन्न-भिन्न अर्थ को कहने वाले वचन को एकालाप चित्रालकार कहा गया है ।
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अ०चि0 - 2/921⁄2 अचि० 2/12/2
वही - 2 / 152
वही - 2/17-2
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अ०चि० -
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2/1일
समस्त पद से जिसे कहा जाय उसे द्विर्व्यस्तक व्यस्तपद से जिसे कहा जाय, उसे द्वि समस्तक -