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________________ ५० प्रस्तुत प्रश्न कर्त्तव्य और अकर्त्तव्य, इस विभेदकी आवश्यकता ही नहीं रह गई है, उस स्थितिको ब्राह्मी स्थिति कहना चाहिये । वहाँ फिर ध्याता, ध्यान और ध्येय एक ही हो जाते हैं । Pursuit शब्दका व्यवहार कर सकें इतना अंतर भी तब ध्याता और ध्येयमें नहीं रहता,-यानी खंड पूर्णताको प्राप्त होता है। प्रश्न--तो आपके विचारसे शुद्ध आनन्द किसी बाह्य वस्तुकी अपेक्षा नहीं रखता, सहज होता है। किन्तु हमारी आँख, नाक, कान, त्वचा, जिह्वा आदिको जो विभिन्न विषयोंसे आनंद प्राप्त होता है, क्या वह सब झूठा है ? उत्तर- हाँ, झूठा है । इन्द्रिय-विषय तो झूठा ही है, किन्तु उसके भीतर जो अनिवार्य रूपमें एक अतीन्द्रियता भी रहती है, वह ही उसको सत्य बनाती है । हरेक भागमें उत्सर्ग अनिवार्य है। भोगका सत्य वह उत्सर्ग ही है । उत्सर्ग अतीन्द्रिय है । इसका मतलब यह नहीं कि साधकसे सिद्धकी स्थिति तक पहुँचते हुए प्राणीकी इन्द्रियाँ जड़ होती जावेंगी, पर वे अपने विषयों में लोभ नहीं रक्खेंगी । आँखमें जब मद चढ़ जाता है, तो क्या आँखकी अनभूति-शक्ति उस समय तीव्र हो जाती है ? नहीं, वह मंद ही होती है । इसी भाँति इन्द्रियाँ अनासक्त स्थितिमें अधिक जाग्रत, अधिक प्रवृत्त, और अधिक आनंदग्राही होंगी । केवल अंतर यह रहेगा कि आनन्द किसी अथवा किन्हीं इन्द्रियोंका विषय न होकर मानो आत्म-भोग्य होगा। इन्द्रिय-विषयोंके लिए तो बाह्य वस्तुकी अपेक्षा होती ही है, किन्तु इन्द्रियातीत आनंदके लिए, कहा जा सकता है कि, वैसी अपेक्षा नहीं होगी । यह साधारण भाषामें कहा जा सकता है, किन्तु वैज्ञानिक सत्यता इस कथनसे स्पष्ट नहीं होती। वह वैज्ञानिक सत्यता तो यह है कि ऐसे आनन्दके समय खंडको समूचे बाह्यका ही युगपत् स्पर्श मिल रहा होता है । ___सच्ची भक्तिका आनन्द कोई hallucination जैसा आत्म-विकार नहीं है। वह तो खंडमें समस्तकी स्पर्शानुभूतिसे पैदा हुआ पुलक है । वह मानव-चेतना. गम्य सबसे गंभीर अनुभूति है। इस स्थलपर वही अपने स्वयंसिद्ध प्रतिपाद्यको ( hypothesis को) हम दहरा लें । वह यही तो था और है कि मैं अलग नहीं हूँ, कोई भी अलग नहीं है, सचाईमें सब एक हैं । इसलिये किसीसे अनपेक्षित होकर आनन्दकी
SR No.010836
Book TitlePrastut Prashna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1939
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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