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भगवती अहिंसा
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जब महिलाओंके सतीत्व पर,
टूट पड़ेंगे पाप निशाचर, राम कृष्ण बन कर आवेगी, यह सदेश सुनाजा ॥अपनी.॥
निर्दय क्रियाकाड में पडकर,
होंगे जब कर्तव्य-शून्य नर, वीर-बुद्ध वनकर आवेगी, यह भविष्य बतलाजा ॥अपनी.।।
(८) कोमलता का रूप दिखाने,
जन सेवा का पाठ सिखाने, ईसा के मुख से बोलेगी, यह रहस्य समझाजा ॥ अपनी ॥
मनुष्यता का पाठ पढाने,
बिछुडों को सगठित बनाने, वन आवेगी देवि मुहम्मद, जगको ज्ञान कराजा ॥ अपनी. ।।
(१०) अन्य-विविध-अवतार-धारिणी,
स्वच्छ-हृदय-नभतल-विहारिणी तेरे पुत्रो को पहिचाने, ऐसा मत्र बताजा ॥अपनी. ॥