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आशा का तार
आशा का तार
अमर रह रे आशाके तार । तू टूटा तो दुनिया टूटी डूबा जग मॅझधार ॥
अमर रह रे आशाके तार ॥१॥ अटके रहते हैं तेरे में सारे जगके प्राण । घोर विपत मे भी करता है तू ही सब का त्राण ||
न होने देता जीवन भार ।
अमर रह रे आशाके तार ॥२॥ निधन सवन महात्मा योगी सवको तेरी चाह । तमस्तोममें भी दिखलाता रहता है तू राह ।।
साधनो का है तू ही सार ।
अमर रह रे आशाके तार ॥ ३ ॥ . धन भी जाने जन भी जावे वन जाऊ असहाय । तू न टूटना, भले सभी कुछ टूटे जग वह जाय ॥
निराशा है जीवन की हार ।
अमर रह रे आशाके तार ॥ ४ ॥ - विपत विरोध उपेक्षा मिलकर करना चाहे चूर । तबतक क्या कर सकते जब तक तू है जीवनमूर ॥
विजय का तू अनुपम आधार । अमर रह रे आशाके तार ॥५॥