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________________ व्याज हराम [१७ जायगी । इस प्रकार इस व्याज से जनता का ही उम्र में शादी हो गई तो उसका महीना उसी भला होगा । इसलिये यह हराम न समझा जायगा। समय बद हो जायगा । इसी प्रकार दूसरा लड़का ____ड-~-वृद्ध आदमियो को कुछ शर्तोपर विशेप और दूसरी लडकी भी बालिग होने तक व्याज व्याज मिल सकेगा । जिससे वे सन्तोप से जीवन पाती जायगी। मूलधन सदाके लिये सरकारी बिता सके । गर्ते ये रहे। हो जायगा। [१] मूल वन सदाके लिये सरकार मे जप्त ३ ~~यह व्याज किसी भी हालत मे बढ हो जायगा। न होगा । किमी अपराव मे जुर्माना होने पर भी २०४५ वर्ष के वन को प्रतिमास आठ उसकी इच्छा के विरुद्ध इस व्याज मे से जुर्माना आना सैंकडा, ५० वर्ष के वृद्ध को नव आना वमूल न किया जायगा । अगर वह जेल जाय तो मैकडा ५५ वर्ष के वृद्ध को दस आने सैकटा, उसकी पत्नी या सन्तान को वह व्याज मिलता ६० वर्ष के वृद्ध को ग्यारह आना सैकडा रहेगा | अगर पत्नी या सन्तान न होगी तो और और ६५ वर्ष के वृद्ध को बारह आना सैकडा, किसी सम्बन्धी को न मिलेगा उसीके नाम से ७० या इससे अधिक उम्रके वृद्ध को चौदह जमा होता रहेगा और जेल से निकलने पर उसे आना सैकडा उसके जीवन के अन्त तक मिलता मिल जायगा । रहेगा। उसने मरने के बाद उसकी मौजूदा ४ ---इस प्रकार के पेन्शन--व्याज लेने [ रुपये जमा कराते समय की ] सन्तान को तब वाले वृद्ध को चाहिये कि वह किसी का ऋण तक यह रकम मिलती रहेगी जब तक सन्तान अपने ऊपर न रक्खे । अगर ऋण निकलेगा तो नाबालिग और अविवाहित है । विवाहित होने पर उसका पेन्शन व्याज ऋण चुकाने मे लगा दिया या बालिग होने पर [ १८ वर्प का होने पर] जायगा । अगर पेन्शन-व्याज से शीघ्र न चुकेगा उस का हिस्सा मिलना बन्द हो जायगा। तो आज तक दिय गये पेन्शन-व्याज को काटने जैसे किसीने ४५ वर्ष की उम्र मे ४००० पर जितना मुलधन बचेगा उसमे से वह ऋण रु जमा किये । २०) महीना व्याज मिलने लगा। चुका दिया जायगा । और ऋण छिपाने के अपदस वर्ष बाद वह मर गया । उसके चार सन्तान राध मे मूलवन का एक चतुर्थाश तक और है । १२ वर्ष का पहिला लडका, १० वर्ष की कम कर लिया जायगा । वानी मूलधन समझा लडकी, ८ वर्ष का दूसरा लडका, ४ वर्ष की जायगा । जैसे किसी ने २०००) जमा किया । लडकी । तो उन मासिक वीस रुपये के चार पाच साल में उसने ६००) रुपये व्याज मे ले हिस्से किये जायेंगे और चारो को पाच पाच रुपया लिये । वाद मे किसी का ४००) ऋण निकल महीना दिया जायगा । बडे लडके को छ वर्प आया । तो २०००) में से ब्याज के ६००) बाट जब कि वह १८ वर्प का हो जायगा उस निकालने पर जो १४००) वचे उसमे से ४००) का हिस्सा ५) महीना मिलना बढ होगा । लडकी का ऋण चुकाया जायगा। फिर जो १०००) अगर १८ वर्षकी उम्र तक कुमारी रही तो उसे बचे उस मे से २५०) ऋण छिपाने का ढड समझ तबतक ५) महीना मिलेगा। अगर १५ वर्षकी कर ७५०) मूलधन के रूप में वेकमे जमा रहेगे।
SR No.010828
Book TitleNirtivad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatya Sandesh Karyalay
Publication Year
Total Pages66
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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