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७. इमोसे णं रयणप्पहाए पुढवीए अंजणस्स कंडस्स हेछिल्लामो चरिमंतानो वाणमतर-मोमेज्जविहाराणं उवरिल्ले चरिमंते, एस णं णवणउइं जोयणसयाई प्रवाहाए अंतरे पण्णत्ते।
७. इस रत्नप्रभा पृथ्वी के अंजन-काण्ड
के अधस्तन चरमान्त से वानव्यंतरों के भौमेय विहारों के उपरितन चरमान्त का अवाधतः अन्तर निन्यानवे सौ योजन प्रज्ञप्त है।
समवाय-गुन
समवाय-गुन
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समवाय-६८
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