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१०-२७६] दसमं सालिहीपियज्झयणं । ७१
एवं खलु, जम्बू, समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स अगस्त उवासगदसाणं दसमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते ॥ २७६॥
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वाणियगामे चम्पा दुवे य वाणारसीइ नयरीए । आलभिया य पुरवरी कम्पिल्लपुरं च बोद्धव्वं ॥१॥ पोलासं रायगिहं सावत्थीए पुरीए दोन्नि भवे । एए उवासगाणं नयरा खलु होन्ति योद्धव्वा ॥२॥ सिवनन्द-भद्द-सामा धन्न-बहुल-पूस-आग्गिमित्ता य। रेवइ-अस्सिणि तह फग्गुणी य भजाण नामाई ॥३॥ ओहिण्णाण-पिसाए माया वाहि-धण-उचरिजे य। भजा य सुब्वया दुव्वया निरुवलग्गया दोनि ॥४॥ अरुणे अरुणामे खलु अरुणप्पह-अरुणकन्त-सिटे य। अरुणज्झए य छठे भूय-चडिंसे गवे कीले ॥५॥ चाली सट्टि असीई सट्ठी सट्ठी य सठि दस सहस्सा। असिई चत्ता चत्ता चए एयाण य सहस्साणं ॥६॥ वारस अट्ठारस चउवीसं तिविहं अट्ठरस इ नेयं । धनेण तिचोवीसं वारस वारस य कोडीओ ॥७॥ उल्लण-दन्तवण-फले अभिङ्गणुव्वट्टणे सणाणे य । वत्थ-विलेवण-पुप्फे आभरणं धूव-पेजाइ॥८॥ भक्खायण-सूय-घए सागे माहुर-जमण-पाणे य। तम्बोले इगवीसं आणन्दाईण अभिग्गहा ॥९॥ उद्धं सोहम्मपुरे लोलूए अहे उत्तरे हिमवन्ते । पञ्चसए तह तिदिसिं ओहिण्णाणं दसगणस्स ॥१०॥