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मानवदेह. एक गर्भाधानमा आवतांज मरण पामे छे. एक जन्म्यो के तरत मरण पामे छे. एक मुवेलो अवतरे छे अने एक सो वपनो वृद्ध थइने मरेछे.
कोइनां मुख, भाषा अने स्थिति सरखां नथी. मूर्ख राज्यगादी पर खमा खमाथी वधावाय छे, अने समर्थ विद्वानो धक्का खाय छे!
आम आखा जगतनी विचित्रता भिन्न भिन्न प्रकारे तमे जुओ छो; ए उपरथी तमने कंइ विचार आवे छे ? में का छे ते उपरथी तमने विचार आवतो होय तो कहो के, ते शा वडे थाय छे ?
पोतानां बांधेलां शुभाशुभ कर्मवडे. कर्मवडे आखो संसार भमवो पडेछ. परभव नहीं माननार पोते ए विचारो शावडे करे छे ते उपर यथार्थ विचार करे, तो ते पण आ सिद्धांत मान्य राखे.
शिक्षापाठ ४. मानवदेह. आगळ कयु छे ते प्रमाणे विद्वानो मानवदेहने वीजा सघळा देह करतां उत्तम कहे छे. उत्तम कहेवानां केटलांक कारणो अत्रे कहीशुं.
आ संसार बहु दुःखथी भरेलो छे, एमांथी ज्ञानीओ तरीने पार पामवा प्रयोजन करे छे, मोक्षने साधी तेओ