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स्थूल और सूक्ष्म अब अम्बुनाड-वासियोंकी ओरसे ही ऐसा प्रस्ताव आनेपर द्रविड़राजको बड़ी प्रसन्नता हुई। अभ्यागत प्रतिनिधियोंको उन्होंने सत्कारपूर्वक ठहराया
और निश्चय किया कि धानसे भरी गाड़ियोंके साथ अपने छोटे पुत्रको भेजकर उसे ही वहाँका शासक बनाकर अम्बुनाडको अपने राज्यमें सम्मिलित कर लेंगे।
किन्तु अगले ही दिन द्रविड़राजको समाचार मिला कि उनके ही एक उपराज्यके शासक, उनके.जामातृने अपने राज्यसे धानसे लदी गाड़ियाँ अम्बुनाडकी ओर प्रचालित कर दी थीं। ___ द्रविड़राजके जामातृको किसी प्रकार अम्बुनाडके उस द्रविड़राजके लिए भेजे हुए प्रस्तावकी सूचना मिल गयी थी और उसने उस प्रदेशको अपने राज्यके अन्तर्गत अधिकृत करनेके लिए ही यह कार्यवाही की थी।
द्रविड़राज इस समाचारसे बड़ी द्विविधामे पड़ गये। यह पूर्णतया संभव था कि उस उपराज्यसे धान्यकी सहायता और आश्वासन पहले पाकर अम्बुनाड-वासी उसीकी अधीनता स्वीकार कर लेंगे। इस प्रसंगमें अपने जामातृका विरोध न करना अपने राज्यकी न्यायोचित लाभ-क्षतिका विषय था।
द्रविड़राजने मंत्रियोंसे परामर्श किया। मंत्रि-जनोंका बहुमत इस पक्षमें था कि सेनाका एक दल भेजकर मार्गमें ही उस धान्यको रुकवा दिया जाय, उपराजको उसकी इस विद्रोह-परक कार्यवाहीके लिए दंडित किया जाय और अपने राज्यसे धान्यकी गाड़ियाँ शीघ्र ही अम्बुनाडक्ने लिए भेजी जाय ।
किन्तु एक नये तरुण मंत्रोके अनोखे सुझावपर यह सब कुछ नहीं किया गया।
राजकुमारको अम्बुनाडसे आये प्रतिनिधियोंके साथ उस देशकी ओर द्रुतचल रथोंपर सवारकर भेज दिया गया।
राजकुमारका यह रथीदल स्वभावतया उस छकड़ सेनासे पहले अम्बुनाडमें पहुंच गया।