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की आप पर परम कृपा रही है। वे बारम्बार कहते थे - "पण्डित हुकमचन्द तत्त्वप्रचार के क्षेत्र में एक हीरा है, वर्तमान में हो रहे तत्त्वप्रचार में उसका बहुत बड़ा हाथ है।"
सच बात तो यह है कि पूज्य गुरुदेवश्री के प्रताप से ऐसे अनेक हीरे उत्पन्न हो गये हैं. जो अपने प्रात्मकल्याण की दृष्टि मे तत्त्वप्रचार के कार्यो में बिना किसी अपेक्षा के मंलग्न है । उनका उपकार चुकाना नो असम्भव है। पूज्य गुरुदेवश्री की छत्रछाया में डॉ० हुकमचन्दजी द्वारा अध्यात्मजगत को जो अनेक सेवाएँ प्राप्त हो रही है, उनका सक्षेप में उल्लेख करना यहो असगन न होगा।
श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मदिर ट्रस्ट, मोनगढ के मुखपत्र प्रात्म धर्म के हिन्दी, मगठी, कन्नड अऔर तमिल - इन चार मस्करणा का मम्पादन ना आपके द्वारा हुआ ही है। आप अब हिन्दी आत्मधर्म का प्रकाशन किन्ही कारगा में अवरुद्ध हो जाने के कारण उमी के ममकक्ष पण्डित टोडरमल म्मारक ट्रस्ट द्वाग प्रकाशित 'बीतगग-विज्ञान' के मम्पादक है। शेष तीन भापायो में प्रकाशित आत्मधर्म के मम्पादक नो पाप अब भी है।
श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन तीर्थ मुरक्षा ट्रस्ट, बम्बई द्वाग मचालित श्री टोडरमल दि० जैन सिद्धान्त महाविद्यालय के तो आप प्राग ही है। उन, विद्यालय ने अल्पकाल में ही ममाज में अभूतपूर्व प्रतिष्ठा प्राप्त की है । ममाज का यह पाशा बंध गई है कि इसके द्वारा विलप्तप्राय. हा रही पण्डिन-पीढी का नया जीवनदान मिलेगा। दमकी पूर्ति होना भी विगत तीन वर्षों से प्रारम्भ हा चुका है। अबतक टाइग्मल महाविद्यालय के माध्यम से ३२ जनदर्णनशास्त्री एवं : जनदर्शनाचार्य विद्वान गमाज को प्राप्त हो चुके है। भविष्य में भी लगभग १२ शास्त्री विद्वान प्रतिवर्ष ममाज को अवश्य प्राप्त होत रहेंगे । इस वर्ष न्यायतीर्थ की परीक्षा में भी १५ शास्त्री विद्वान भाग लेंगे।
पण्डिन टोडरमल स्मारक ट्रस्ट द्वाग मंचालित बीनगग-विज्ञान विद्यापीठ परीक्षाबाई. जिसमें प्रतिवर्ष लगभग बीग हजार छात्र-छात्राय धार्मिक परीक्षा देन है, डॉक्टर माहब ही चला रहे है । उमकी पाठ्य-पुम्नकं नवीनतम शैली म प्राय आपने ही तैयार की है। उन्हें पढान की शैली में प्रशिक्षित करने के लिए ग्रीष्मकाल के अवकाश में प्रतिवर्ष या वर्ष में दो बार भी प्रशिक्षण शिविर डॉक्टर साहब के निर्देशन में आयोजित किये जाते हैं, जिनमें वे स्वय अध्यापको को प्रशिक्षित करते है। अबतक १७ शिविरो मे २६५० अध्यापक प्रशिक्षित हो चुके है। नत्मम्बन्धी प्रशिक्षण निर्देशिका' भी पापन लिखी है।