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जे धीर्यवंत संग्राममें नाजें नदी उतावलो चालें अगामी शरीर उँचो पामी शरीर निम्न निम्नतर सर्व अंग उपांग शोभतो जाणवो कांश्क यांख्यां पीली मधु समानजावलांब धरती लागतो सर्दऋतुने विषे मर्चे मद चढ़ें दंतुले करीने परजीवने द इस गुणे प्रजातिनो दाथी जाणीजें १, मंदजातिरो दाथी किसें लक्षणे करी जाणीजें धीर्यवंत चालें उतावलो पीली यांख्यां पुत्र अगामी जामो पुंठसें पतलो नख केस चांबी नामी वसंतऋतुने विषे मचें मद चढे सुंदसुं संग्राम करे परजीवने द इसे गुणे करीने मंददाथीनी जाति जाणवी २, मृगजाति हाथी पतला नख केस चांबी पि बहुत पातली बिदकण घणो संग्रामसुं नागे देमवंतऋतुने विषे मचें मद चढें सर्व शरीरसुं परजीवने दणें इसे लक्षणे मृगजाति हाथी जाणवो ३, संकीर्णदाथीरी जाति थोमो २ इणां ती नांदी दाथीयांरी जातिरा गुण लीयां रहें सर्व काने विषे मर्चे मद चढें सर्व शरीर करीने परजीवने दर्णे इसे गुणे करी संकी हाथी जाति जाणवो ४.
४ श्ण दृष्टांते च्यार जातिरा मनुष्य. एक प्रजातिरा पुरुष दीसता, शोजनीक दीसें
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