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________________ रंन चुलेरा नीरा पारंन्न वगेरे करणे कराणेका त्याग या मर्यादा, २५ गारा कमगणो चेजो मकान मरमत चुनो ईट गारो गोवरको आरंन, १६ सोनारा चांदी सोनो कांसी तांवो पीतल लोहा वगेरेकी जनस घर तथा नाश् परसंगीरे अरथे कराणी लेणी वेचणेरी मर्यादा घरमें सोनार लोहार कखारा वगेराने राखीने काम कराऐरा त्याग, २७ गिणनारी मर्यादा, १० परखणा रुपीया तथा जुहारात वगेरे, श्ए तोला तोलरी मर्यादा वजन हाथसुं तोलणा उसरेसुं तोलाणा, ३० मापा हाथमुं| पायलीसुं तथा गजसुं हाते या उसरेसुं, ३१ कूरा घर उकान संबंधी जिनस खरीद-/ णेरी मर्यादा, ३२ विकरो घर उकान संबंधी जिनस वेचणेरी मर्यादा उपरांत त्याग, ३३ बापरे घररी तथा उसरेरे घरसुं आहुई तथा मोलरी चीजरी मर्यादा, ३४ श्रापरे घरी नोगणेमें यार तेहनी मयोदा. ॥विधि संदेपमें लिखा है विस्तार जितना अधिक करें याने खोल खाले कर रखें जतनाही जादा फायदा है परंतु जितना रखें उसमें दोष न लगावें चूलचुकलें अतिचार लग जाय तो कमसुं कम दस नवकार मंमलै और राख्या तिकेसु जादा
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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