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तथा बारे नेदे तपस्या करणरूप वायरो होय, १३ द्रव्यजिहाजने वायरसुं बांको होय तेने रोके तिम संयमरूपी नावमें बालसरो त्याग कर ज्ञानको उपदेश रोके, १५ || द्रव्यजिहाजमें क्रियाणो नरे तिम संयमरूपी नावमें पांच महावत तथा बावत और * नाना प्रकारको ज्ञान नरे, १५ द्रव्यजिहाजमें रस्तो कितावसुं देखावें तिम संयमरूपी नावमें सूत्र सिघांतसुं साधु मुनिराज रस्तो बतावें, १६ द्रव्य जिहाज समुद्रमार्गे चांलें तिम संयमरूपी नावमें संजमरूपी मारगे चालें अकुलासे सीधे सरल मारगे, १७ व्यजिहाजमें पुरपाटण पहोंचे तिम संयमरूपी नावमें मोदरूपी पाटण पहोंचे, ||8 १७ द्रव्यजिहाजमें व्यापारी होय तिम संयमरूपी नावमें, साधुरूपीया व्यापारी होय, १ए द्रव्यजिहाजमें धनरा चरूतिम संयमरूपीनावमें अगीयारं चंग बार नपांग || रूपीया चरु में, ३० द्रव्य जिहाजमें व्यापारी नली नाषा बोले तिम संयमरूपी नावमें सुमतिसहित विचारने बोलें, १ द्रव्य जिहाजमें रत्न तिम संयमरूपी नावमें पामरूपी रत्न, श्वव्य जिहाजमें नला नफेरी वांग करें तिम संयमरूपीनावमें || मोदारी वांग करें, २३ द्रव्य जिहाजमें व्यापारी वासो करें तिम संयमरूपी नावमें ||* ॥