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'समुद्रमें तो उंगर में संसाररूपी समुद्रमें बात करमरूपीया उंगर में ७, पूज्य जग वान समुद्रमतो नवरीया पके, संसाररुपी समुद्रमें दगाबाजी कपटरुपी नवरीया पमे||*
ए, पूज्य नगवान समुद्र तो तीरे ने संसाररुपी समुद्रमें अलोनरुपी तीरणोडे १०, पूज्य नगवान समुद्रमेंतो सीगोटीया ने संसाररुपीसमुद्रमें तीनसें तेसठ पाखमरुपी या सीगोग ने ११, पूज्य नगवान समुद्रमेंतो मोती माणक हीरा रत्न नीकले ||* संसाररुपी समुडमें साधु साधवी श्रावक श्राविकारुपीया रत्न पदार्थ बे ११, पूज्य || नगवान समुज्में कलोला ने संसाररुपी समुद्रमें लोजरुपी कझोला १३, पूज्य न.* गवान समुद्र तो थमि ने संसार समुज्में क्रोधरुपि अमिले १४, पूज्य नगवान | समुद्रमें कागे जे संसाररुपी समुद्रमें मोदरुपीयो कांगे जे १५.