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________________ परनवनी श्राशा वांग वालो करे तिणे पापकारी फल जोगवे. इसा फल नियाणारा सुणीने साधु साधवी बालोर नंदीने निशख्य थया ए. ए नव वासुदेव श्ण चोवीसी मांहि थया तेहना नाम. त्रिपृष्ट १, हिपृष्ट १, स्वयंच ३, ||* पुरुषोत्तम ४, पुरुषसेन ५, पुंमरीक ६, दत्त , नारायण , श्रीकन ए. ए नव प्रतिवासुदेव. अश्वग्रीव १, तारक २, मेरक ३, मधुकेंठन, निसंन ५, बलन ६, प्रह्लाद , रावण , जरा संघ ए. ए नव बलदेव नाम. अचल बलदेव १, विजय बलदेव , न बलदेव ३, सुजषक-13 खदेव ४, सुनंद बलदेव ५, थानंद बलदेव ६, नंदन बलदेव ७, पन बलदेव , || राम बलदेव ए. ए श्रावती चोवीसीने विषे नव वासुदेव नाम. नंदसेन १, नंदमित्र १, दीर्घवाहु ३, महा बाहु ४, थानाबल ५, महाबल ६, बलन , विपृष्ट , त्रिपृष्ट ए. ए नव बलदेव नाम. जय १, विजय १, ना ३, सुमन ४, सुदर्शण ५, पाणंद ६, नंदन , राम , संकर्षण ए.
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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