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________________ ६ जीव चोवीसांदमकां च प्रकारे श्रानुखो कर्म बांधे. पहिलो जातिनाम १, बीजो गति नाम २, तीजो स्थितिनाम ३, चोथो अनुनागनाम ,पाचमो लंगाहणानाम ए, ब को प्रदेशनाम ६. ६ न बोल साधुने अहेतकारी हुवें मुक्तिनो घात करें. पहिलो प्रवृज्यानो मद करें , बीजो सूत्रनो मद करें २, तपस्यारो मद करें ३, शिष्य शाखा पुस्तकरे लानरो मद . करें , घणी परषदा पूजारो मद करें ५, श्रादरसन्मान सत्काररो मद करें ६. १४ ६ उ प्रकारना मनुष्य. कर्मचूमि १, थकर्मचूमि १, उपनयंतरहीप, एहीज तीन संम हिम, एहीज तीन गर्नज ६. ... १५ ६ ब प्रकाररा जंबुछीपमे खेत्र. हेमवय १, एरण्यवय २, हरिखास ३, रम्यगवास ४, देव कुरु ५, उत्तरकुरु ६. ६ ब खेत्रामें मनुष्य ऊपजे. जंबुद्धीप १, पूर्वधातकी २, पश्चिमघातको ३, पूर्वपुष्करा ____४, पश्चिम पुष्करा ५, आंतरहिप ६. ६ . राजाये मलिनाथजी पासे दीदा ग्रही. प्रतिवुघराजा शागदेशनो १, रूपीराजा
SR No.010805
Book TitleChattrish Bol Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Bherudan Sethia
PublisherAgarchand Bherudan Sethia
Publication Year1916
Total Pages369
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size10 MB
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