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* ३ प्रतिपत्तौ विजयदेवाभिषेक उद्देशः२ सू०१४१
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अप्पेगतिया देवा उच्छोलेंति अप्पेगतिया देवा पच्छोलेंति [अप्पेगतिया देवा उक्किटिं करेंति] अप्पेगतिया देवा उचिट्ठीओ करेंति अप्पेगतिया देवा उच्छोलेंति पच्छोलिंति उक्किडिओ करेंति अप्पेगतिया देवा सीहणादं करेंति अप्पेगतिया देवा पाददद्दरयं करेंति अप्पेगतिया देवा भूमिचवेडं दलयंति अप्पेगतिया देवा सीहनादं पाददद्दरयं भूमिचवेडं दलयंति, अप्पेगतिया देवा हक्कारेंति अप्पेगतिया देवा वुक्कारेंति अप्पेगतिया देवा थक्कारेंति अप्पे० पुक्कारेंति अप्पेगतिया देवा नामाई सावेंति अप्पेगतिया देवा हक्कारेंति बुक्कारेंति थक्कारेंति पुक्कारेंति णामाई सावेंति अप्पेगतिया देवा उप्पतंति अप्पेगतिया देवा णिवयंति अप्पेगतिया देवा परिवयंति अप्पेगतिया देवा उप्पयंति णिवयंति परिवयंति अप्पेगतिया देवा जलेंति अप्पेगतिया देवा तवंति अप्पेगतिया देवा पतवंति अप्पेगतिया देवा जलंति तवंति पतवंति अप्पेगइया देवा गज्जेंति अप्पेगइया देवा विज्जुयायंति अप्पेगइया देवा वासंति अप्पेगइया देवा गजति विजुयायंति वासंति अप्पेगतिया देवा देव सन्निवायं करेंति अप्पेगतिया देवा देवुक्कलियं करेंति अप्पेगइया देवा देवकहकहं करेंतिअप्पेगतिया देवा दुहदुहं करेंति अप्पेगतिया देवा देवसन्निवायं देवउक्कलियं देवकहकहं देवदुहदुहं करेंति अप्पेगतिया देवा देवुजोयं करेंति अप्पेगतिया देवा विजयारं करेंति अप्पेगतिया देवा चेलुक्खेवं करेंति अप्पेगतिया देवा देवुज्जोयं विजुतारं चेलुक्खेवं करेंति अप्पेगतिया देवा उप्प
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