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तिमोवीर्य है। जातै जीव निकै प्रसंख्यात लोकपमा एण्यरिणम है।जिस जिसापरिणाम होयत्तै सातैसा कर्ममैंर सपडैहै।स्थनिपर्डेहै।सोहीअ श्रवमैंनेदज्ञानना।सून अधिक रणंजीचा जीवाः॥॥॥॥ प्राश्रव का प्राधान वपव्य अजीव पव्यप्रेमै दोयने दहै।।सूत्रे :-प्रद्यं सरेन समास्नारेन योगकृत कारितानुमतकषायविषेस्त्रिस्त्रिस्त्रिश्चतुश्चैकशः॥] आदिकाजीवांधि करएहि सोसे रंनस मारेन आरेन एतीन अरमनवचनकाय एतीन योग: अर कृत कारितअनुमोदनोंएतीन अरको ध्मानमायालो भए च्यारि५निक पस्परगुण|| एक सोसावभेदजीवाधिकरणकैहै॥ सूत्रं निवर्त्तनः निक्षे पसंयोग निसर्गाचतुर्द्दननेदाः परै।। (पी/निक्षेपणकरिएरिए सोनि तेपदे निपजाइए सो निर्वसनाहै। मिलावनीसो योजना है। जो पर्वताइए सोनिसर्ग है। तिनमै ससानिक्षेपाधिकरणनाभोगनिक्षेपाधिकर