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३५ मुद्रीतानुबंधी मायार ह ताय सिद्धायनमः ३६ की अनंतानुबंधी लोनर हि ताय सिद्धायनमः
३१ की प्रत्याख्यान क्रोधर हि
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ताय सिद्दाय नमः प्रत्याख्यान मानरहिता यसिधायनमः ३पी प्रत्याख्यान माया र हिता यसिद्धायनमः ४० की प्रत्याख्यान लोनरहि ताय सिद्धायनमः
४१ श्री प्रत्पारमान क्रोधरहिताय सिद्धायनमः