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आचा
सूत्रम्
॥७८९॥
॥७८९॥
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॥ श्रीजिनाय नमः ॥ ॥ श्रीआचाराङ्गसूत्रम् ॥ (मूळ अने शिलाङ्काचार्य रचेली टीकार्नु भाषांतर)
भाग पांचमो॥ छपावी प्रसिद्ध करनार-पण्डित श्रावक हीरालाल हंसराज (जामनगरवाळा)
आठमो उद्देशो. सातमो कहीने हवे आठमो कहे छे, तेनो संबंध आ प्रमाणे छे, गया उद्देशाओमां का के रोगादि संभवमां काळपर्याये आवेलु भक्त परिज्ञा, इंगित,, के पादपोपगमन मरण करवू युक्त छे, अने अहीं तो अनुक्रमे विहार करता साधुओर्नु काळ पर्याये आवेलुं । मरण कहे छे, आ संबंधे आवेला उद्देशानुं आ प्रथम सूत्र छे.