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पांच अस्तिकाय. (प्रदेशनो समूह) छे, ते लेवो. ते लोकनो आठ प्रकारे निक्षेपो छे. नाम, स्थापना, द्रव्य, क्षेत्र, काळ, भव, भाव, आचा०४ पर्यव. एम आठ भेद छे, अने विजय, अभिभव पराभव, पराजय एम पर्यायो छे, तेनो निक्षेपो छ प्रकारे छे. अहिंया लोकना आठ ४ सूत्रम्
प्रकारना निक्षेपा छतां भाव निक्षेपामां भाव लोकनो अधिकार छे. ते छ प्रकारनो औदायिक भाव विगेरे छे. ते औदायिक भाववाळा ॥२२८॥
कपाय लोकवडे अधिकारछे; अने ते संसारर्नु मूळ छे.
शिष्यनो प्रश्न-आ वधुं शा माटे का ?
उत्तर-तेनो एटले औदयिक भाव कपाय लोकनो पराजय करवो. (क्रोध विगेरे थाय तो तेने दावी देवा) लोकना निक्षेपा 6 पछी विजयना छ प्रकारे निक्षेपा छे ते कहे छेलोगो भणिओ दवं खित्तं कालो अ भावविजओ अ । भव लोग भावविजओ पगयं जह वज्झई लोगो॥
लोक द्रव्य क्षेत्र, काळ, अने भाव, विगेरेनुं वर्णन करे छे..
चतुर्विंशति स्तव-(चोवीस भगवाननु स्तवन जेनुं बीजुं नाम लोगस्स) छे, ते बीजो आवश्यक छे. तेनुं आवश्यक सूत्रनी नियुक्तिमा विस्तारथी वर्णन करेलुं छे.
शिष्यनी शंका-आ वाचानी कइ जातनी युक्ति छे ? के लोकोनुं त्यां वर्णन करेलुं छे. अने अहीं तेनो शुं संबंध छे ? उत्तर-अहीआं अपूर्वकरण (आठमुं गुणस्थान) थी अनुक्रमे चढी क्षपकश्रेणि (केवणज्ञान पामवानुं ध्यान जेमां मोहनो सर्वथा
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