________________
| तो दूएणं भणियं डिंभाण भयावहेहिं हत्थीहिं । किं तुम्हाण इमेहिं गिंदुयमाईसमुचियाणं ? ॥४॥ Poll अह भणियं कुमरेहिं वणवासं वज्जिऊण न हु अन्नं । जुजइ वुड्ढाणं पि हु ता जइ राया सयं चेव ॥४१॥
तं पडिवज्जइ ता जुत्तमेव अहवा न तो तमम्हेवि । एरिसमई हढेण वि वणाण अतिहिं करिस्सामो ॥४२॥ ा इचाइ जंपिऊणं दूओ अवमाणिऊण निच्छूढो । साहइ निवस्स गंतुं सविसेसकुमारभणियाई ॥४३॥ oil कुविओ तओ नरिंदो ताणुवरि समागओ बलसमग्गो । पेसइ पुरओ कुमराण भट्टमेसो पढइ गंतुं ॥४४||
सिरिवइरसीहराया सीहो इव जयइ जस्स सदेण । वियलियमयाउ रिउकरिघडाओ विडंति अवसाओ । il गंधकरिणोऽवि न सहति जस्स गंधं पि मुक्कजीयासा | का जंबुएहिं किर तस्स होज गणणा मइंदस्स ? ॥
दिवम्मि पराहुत्ते अहव न विहडंति कस्स वुद्धीओ ? ।
सयमवि हुयवहजालावलीइ न पडंति किं सलभा ? ॥४७॥ इचाइ पढंतो रुप्पिणीइ भट्टो निसामिओ कह वि | उवलक्खिओ य तो तस्स कारियं गरुयसम्माण ॥
पुट्ठा य सुया तीए विरोहकारणमिमेहिं परिकहियं । अह रुप्पिणीइ भणियं एस पिया वच्छ! तुम्हाणं ॥४९॥
१॥