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तीन अर्ध तन केवली, हस्त प्रमाण कहाय है। सिद्ध भये तिहुँ योगतै, तिनके पद परिणाम है ॥१२३॥ ___ॐ ह्री जघन्यअवगाहनसिद्ध भ्यो नमः अध्यं । देव निमित्त मिलो जहां, त्रिजग केवली धाम है। सिद्ध भये तिहुँ योगतै, तिनके पद परिणाम है ॥१२४॥
ह्री त्रिजगलोकसिद्धेभ्यो नम अयं । विध परिणति कालकी, तिन अपेक्ष यह नाम है। सिद्ध भये तिहुँ योगतै, तिनके पद परिणाम है ॥१२॥
ॐ ह्री षधिकालसिद्धेभ्यो नम अध्यं । अन्त समय उपसर्गतै, शुकल ध्यान अभिराम है। . सिद्ध भये तिहुँ योगतै, तिनके पद परिणाम है ॥१२६॥
ॐ ह्री उपसर्गसिद्ध भ्यो नम. अध्यं । पर उपसर्ग मिलै नहीं, स्वतः शुक्ल सुख धाम है।। सिद्ध भये तिहुँ योगतै, तिनके पद परिणाम है ॥१२७॥ ११८१
ॐ ह्री निरुपसर्गसिद्ध भ्यो नम. अध्यं ।
मतमी
पूजा
niraamana