SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -C4 * H . " विषय. चावत. विषय. वावत. आपवी ते वावत , ३-४-७-८ गणावच्छेदकनो उपर मुजवनो परि लीग की आचार्य उपाध्याय जाय वार. घणा आचार्यों, उपाध्यायो ने गणाव ते वखते अमुकने पोतानी पदवी आछेदकोनो शियाळे उनाळे ग्रामानुग्रा पवा कहे तेने ते पदवी केम आपवी ६ म विचरवानो परिवार ते वावत घणा आचार्यों, उपाध्यायो, गणाव वीदिक्षा १५-१७ आचार्य उपाध्याये नव दिक्षीतने वहीच्छेदकोनो ग्रामानुग्राम वर्षाफाळे रहे दिक्षा आपवा वावत वानो परिवार गच्छ १८ ज्ञान मेळववा साधुने वीजा गच्छमां आचार्य ११ ग्रामानुग्राम फरता साधुना आचार्य जवा बावत काळ फरे तो साधुए शु करवू | विचर, १९ घणा साधुओने स्थिवरनी आज्ञा लइ चोमासामां आचार्य काळ करे तो साथे विचरवा वावत शु करवु पदवी १३ आचार्य मरती वखते अमुकने पोतानी २०थी २३ साधुए आज्ञा विना न विचरवा बाबत पदवी आपवा कहे तेने ते पदवी केम | गुरुसेवा २४ गुरुनी शिष्ये सेवा करवा वापत ABARHECREECHECKECE " १२
SR No.010798
Book TitleAgam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages398
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy