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________________ नी गवर्नमेन्ट लाइबरीनी पागल पर लखेल सूत्रोनी प्रतो छे. तेमांथी मूळ धणुं खरं आ घूत्रमा लीधेल छे. (५) । (एच आ दक्षिण ऐद्राबादमां छपाएली मत छे. उपरनी प्रतोने आधारे आ सूत्रनु मूळ तथा पाठान्तर छपावेल छे. आ सत्रमा आवेल अपरा शब्दोनो कोश तथा शुद्धिपत्र पण अलग छपावी आ साथे सामेल करेल छे. आ सूत्रनी अनुक्रमणिका तथा तेमां भा येली वायतोनी कमावारी करी आ सूत्रमा छपावी छे जेथी अमुक वावत सूत्रमाथी तरत मळी शकशे. अमारा तरफथी छपावेल Hोनी जाहेर खबर पण आ सूत्रमा छपावेल ते उपर वांचकवर्गनुं ध्यान खेंचवा रजा लउछ. आ मन्त्र छपाववामां नजर चुकधी कोइपण भुल रही गइ होय तेमां सुधारो करी बांचवा तथा तेवी सुधारवानी बावतो अमने लखी मोकलवा तथा लें जारमा अमारा छपावेल सूत्र विरुद्ध टीकाओ छपावता पहेला अमारो खुलासो लेवा दरेक जैन बंधुने अमारी नन अरज छे. शुद्धिपत्रमा मूळमां भुल चुक रहेल ते सुधारी तेना उपर *आयु चिन्ह ते पत्रमा बतावेल छे जेथी मूळपाठ ते मुजब सुधारी वांचवाने सुलभ पडशे, तथा इंद्रावादवाळी पत्र साथे मेळवता केटलोक अर्थमां फेरफार मालम पडेल जे शुद्धिपत्रमा वताव्यो छे ते पांचवा अमारी नम्र अरज छे. PAKHRECRUCHARLSS) LSCREENSIROHASTROLOGER- 99 डाकटर जीवराज घेलाभाश् दोशी. ___L. M. & S. नवा दरवाजे-अमदावाद.
SR No.010798
Book TitleAgam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages398
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size14 MB
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