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वहार० १२
अर्थे ॥ ९॥ सा० सेजांतरना । ना० स्वजन नातीला । सिछे। सा० सेजांतरना। ए० एकज । व० घरमा । अं०
उद्देसओ.अंदर सेजांतरना घरमांहि । ए० एकज । प० घरनो चुलानो । सा० सेजांतरथी। च० वळी । उ० पोतानी आजीविका करे 18॥९॥ छ । त० तेमांथी। दा०दीए. तो। नो० न । से० ते साधने ।क० कल्पे । प० लेवो केमके ते पिंडमां सेजांतरनो अंश छे माटे ॥९॥ . मूळपाठ ॥ ९॥ सारियनायए' सिया सारियस्स एगवगमाए अन्तो एगपयाए सारियं चोव- |
जीव, तम्हा दावए, नो से कप्पश् पनिगाहेत्तए ॥९॥ भावार्थ ॥ ९ ॥ सेजांतरना स्वजन (नातीला) होय, सेजांतरना एक घरमां, सेजांतरना घरमा एकज चुलानो, सेजांतरनुं | जळ (पाणी) प्रमुख ले छे तेथी सेजांतरने लीधे आजीविका करे छे तेमना आहार मांहेलो आहार दीए तो साधुने लेवो कल्पे नहि केमके सेनांतरनो पिंड छे माटे ॥९॥
अथे॥१०॥ सा० सेजांतरना। ना० स्वजन तथा नातिला। सि० होय । सा० सेजांतरना । ए० एकज । व० घरमांहि । अं० मांहि सेजांतरना घरमांहि । अ० जुदा जुदा। प० पचवाना (रांधवाना) चुलाने विषे रांधी भोजन जमे छ । । BI सा० सेजांतरनो जळ प्रभख लइ । चवळी । उ० आजीविका करे । त० तेमांथी। दा० दीए तो। नो० न । स० तत
१F always (एचमां हमेशां) सागारियस्स णायए.२ Halways ( एचमां हमेशां) सागारियस्स after अन्तों and (अने) बाहि ( पछी).३ T. Halways (टी. एचमां हमेशां) च उप
18/॥१२॥
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