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केणावि न कयावि ॥ १५२ ॥ आणत्तो नयरजणो उग्घोसणपुवगं तहा चउरो । सेणाओ अंतेउरजणो य जह सरिबीए ॥ १५३ ॥ नमणिज्जो जिणनाहो कयम्मि पगुणम्मि कत्ति सबम्मि । तम्मि स ण्हाओ संतो सबालंकारपरिकलिओ ॥ १५४ ॥ हिमसेलुगुरकुंजरमारूढो सेययछत्तछन्ननहो । हिमरयरययसमुज्जलचउचामरवीइयसरीरो ॥ १५५ ॥ गरुडमयरायगयसरभचिंधसयबंधुरग्गमग्गो य । चारणसहस्सपरिगिजमाप्पहरहारसरिसजसो ॥ १५६ ॥ तूररवापरिपूरियनिस्सेमदियंतनयलाभोओ। पलयानिलसंखोहियजलनिहिसलिलाणुकारेणं ॥१५७ ॥ पुरपरियणेण सबायरेण अणुगम्ममाणमग्गो सो । सग्गाओ वजपाणि व कत्ति लीलाएँ निक्खंतो ॥१५८ ॥ जा नगराओ सुरिंदो ता तस्स मणोगयं वियाणित्ता । सरयम्भतणुं अद्वहिं दसणेहिं मणोरमं तुंगं ॥ १५९ ॥ पइदसणमट्ठवावीजुत्तं पइवावि अट्ठकमलजुयं । | अट्ठदले कमले एफेफे नाडएहिं जुयं ॥ १६० ॥ वत्तीसपत्तवद्धेहिं पउमपत्तप्पमाणमिणिएहिं । एरावणं विलग्गो सुरसेणाछन्नदिसिचफो॥ १६१ ॥ पत्तो जिणस्स पासे आगासे च्चिय पयाहिणं काउं । अग्गपउण्णामियनिययकुंजरो वंदिई
लग्गो ॥ १६२ ॥ दिट्ठो तदेससमागएण रन्ना दसन्नभद्देणं । अबो अच्चन्भुयमेयमेरिसं मे न दिट्ठति ॥ १६३ ॥ णूणमदाणेण महंतो धम्मो विहिओ जओ सिरी जाया। अम्हाणमकयपुन्नाण कोणु गवो नियसिरीए? ॥१६४॥ ता उज्जमेमि
धम्म कारंजेणिच्छियं लहं घडइ । तक्खणमेव विरत्तो सबं संगं परिच्चयइ ॥ १६५॥ तस्स तया पन्नासं सहस्स आसी रहाण पवराणं । निजियरइरुवाणं सत्त सया सुंदरीणं च ॥१६६॥ तहणेगसहस्सा हयगयाण पत्तीण पुण अणेगाओ। कोडीओ उभइरिउभडेसु सोंडीरचरियाओ॥ १६७॥ धणधन्नमणुन्नाई गामागरखेडकब्बडपुराई। सीसारोवियतस्सा
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