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गाडयंचगीयं विहिउद्धवुओ कमेणिमिणा ॥ ९२॥ दो मज्झ धाउरत्ताई कंचणमय कुंडिया तिदंडं च । राय मे व मवत्ती एत्यवि मे होलवाएहि ॥ ९३ ॥ अन्नो य असहमाणो नागरओ बहुवणिज्जलद्धधणो । तह चेव नच्चिओ गाइ च लग्गो भणिउमेवं ॥ ९४ ॥ गयपोयस्स मत्तस्स उप्पइयस्स जोयणसहस्स । एए पए सयसहस्सं एत्थवि ता मे होलवाएहि ॥ १५॥ ताओ पुण अन्नयरो अइतिवामरिसपूरिओ भणइ। नचंतो गायंतो मण सम्भावं इमेरिसगं ॥ ९६॥ तिलआढयस्स वुत्तस्स निप्पन्नस्स बहु सइयस्स । तिलतिले सयसहस्सं एत्थवि तो मे होलवाएहि ॥९७॥ तत्तो वियजो अन्नो सो उग्घोसणमिमेसिमसहंतो। पारद्धनगीओ गोहणमंतो इमं भणइ ॥ ९८॥ नवपाउसम्मि पुन्नाए गिरिनइयाए सिग्यवेगाए । एगाहमहियमेत्तेण नवणीएणं पालिं बंधामि । एत्थवि ता मे होलवाएहिं ॥१९॥ जच्चतुरंगाणं संगहेण संपन्नतुंगहुंकारो। अन्नो नर्स्ट गीयं काउमेयारि भणइ ॥ १०॥ जच्चाण नवकिसोराण तदिवसेण जायमेत्ताण । केसेहिं नई छाएमि एत्थवि ता मे होलवाएहिं ॥१०१॥धण्ण पडिपुन्नकोट्ठागारो माणाचलं समारूढो । सुपयट्टनगीओ अन्नो एयारिस भणइ ॥ १०२॥ दो मज्झ अस्थि रयणाणि सालिपसूइया गद्दभिया य । छिन्ना छिन्नावि रुहंती एत्थवि ता मे होलवाएहिं ॥१०॥ अन्नो संतोसपरो एत्तो य सुहित्तणं परं पत्तो। मंदकयनगीओ सुभासियं एरिसं भणइ ॥ १०४॥ मइसुकिलनिच्चसुयंधो भज्ज अणुवयनत्थि पवासो । निरिणो य दुपंचसओ एत्थवि ता मे होलवाएहिं ॥१०५॥ इय | नाऊणं तेसिं सवेसि पोढविच्छडूं। मग्गित्ता जहजोग्गं कोसो बुद्धि परं नीओ ॥ १०६ ॥ होले गोले वसुलेत्ति वयणओ नीयपत्तसंभासो। होजत्ति इहं विहिओ तं पुण वाइत्तओ नेओ ॥ १०७ ॥ एवं चिंतितो चाणक्केणं स चंडगुत्तनिवो।